क्विंटलो की तादात में खुले आम बाजारों में बेचे जा रहे जंगली बांस के करील
बैकुंठपुर कोरिया – बैकुंठपुर, छिंदडांड, चरचा ,पटना सहित सोनहत और आसपास के साप्ताहिक बाजारों में इन दिनों धड़ल्ले से बेचे जा रहे जंगली बांस के करील। अवगत करा दें की जंगलों के बीच बसी आबादी जिसने अपने रोजगार के लिए जंगलों के बांस नर्सरी के छोटे छोटे बांस के करील को बेधड़क तोड़कर उसे बाजार में लगातार बेच रहे हैं । जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है। की कोरिया वन मंडल अंतर्गत बांस की कई नर्सरी बड़े पैमाने पर बर्बाद हो चुकी है। और बर्बादी का यह सिलसिला लगातार जारी है। जिसके परिणाम स्वरूप देखा जा रहा है। की जंगली बांस की करिल कोरिया जिले अंतर्गत साप्ताहिक बाजारों में बड़े पैमाने पर कई लोगों के द्वारा क्विंटल क्विंटल बोरियों में लाकर 100,,,150 रुपए प्रति किलो के भाव बेचे जा रहे हैं। जबकि ऐसा पहली बार देखा जा रहा है। की जंगली बांस की करिल जो की पूर्व से ही प्रतिबंधित रही है और इसकी बिक्री बाजारों में तो यदा कदा ही होती थी। परंतु जबसे कोरिया वन मंडल में बेहद सुस्त और लापरवाह रवैया पसंद डी एफ ओ ने चार्ज प्रभार लिया है। तबसे प्रतिबंधित वन सम्पदा अब बाजारों में नीलाम हो रही है। और कोरिया वन मंडल में बर्बादी और लापरवाही का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कभी लंबित मजदूरी भुगतान के लिए मजदूर । वन मंडल कार्यालय का घेराव कर रहे हैं। तो कभी अवैध कटाई का मुद्दा जोर पकड़ रहा है । और अब इस बीच जंगली बांस की करिल का खुलेआम व्यवसाय । यह साबित करता है । की कोरिया वन मंडल के डीएफओ सिर्फ और सिर्फ एयर कंडीशन चेंबर में बैठकर जंगलों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जो की कोरिया वन मंडल के जंगलों के विनाश का कारण बन रहा है । और जो रवैया डीएफओ जैसे अफसर के निकम्मेपन को भी दिखा रहा है।












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