शिक्षक या दहशतगर्दी का दूसरा नाम “प्रवीण पटेल” ? नाम हैं कई कारनामें । “ठेकेदारी” की दुकान चलाने नेताओं की चमचई में हैं । “अव्वल”

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आतंक का विरोध ऐसा की “बेलिया” ग्राम के युवकों ने की थी जमकर “खातिरदारी”

कोरिया सोनहत – शिक्षक जिनका ओहदा समाज में गुरु का होता है । और शिक्षक शब्द मात्र से ही जिनके लिए हम सभी के मन में आत्मीय सम्मान का भाव जागृत हो जाता है । सोचिए अगर ऐसे गुरुओं के बीच कोई ऐसा व्यक्ति शामिल हो जाए । जिससे गुरुओं का ओहदा भी संदेह के दायरे में आ जाए । तो क्या हो । आपको ऐसे ही एक शख्स से परिचित कराते हैं । सोनहत ब्लॉक के ग्राम बेलिया निवासी प्रवीण कुमार पटेल जो की एक प्रधान पाठक हैं । और जिनकी धर्मपत्नी भी पेशे से पंचायत सचिव हैं । अवगत करा दें की कैलाशपुर तेलीमुडा निवासी कमला पटेल के सुपुत्र प्रवीण पटेल । जिनको इनके बड़े पिता जी भागीरथी पटेल गोद लिए थे । क्यूं की भागीरथी पटेल की कोई संतान नहीं थी । और वो कॉलरी कर्मी थे । प्रवीण पटेल की शुरुआती जिंदगी बहुत ही ऐश वाली थी। सब कुछ धन दौलत और जमीन जायदाद भागीरथी ने अपने मरने से पहले ही इनके नाम कर दिया था । और जिसके बाद प्रवीण पटेल के होते हुए भी । उनके पिता भागीरथी व उनकी पत्नी के अंतिम समय का जीवन प्रवीण पटेल की अमानवीय हरकतों के कारण बहुत ही कष्टदायक गुजरा । और वे दोनों बिलख बिलख कर रोते हुए अंतिम सांस लिए । प्रवीण पटेल शिक्षा कर्मी वर्ग 2 में चयनित होने पश्चात बेलिया मिडिल स्कूल में पदस्थ थे । इनकी पत्नी शकुंतला पटेल जो बेलिया पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ थीं । जिसके बाद प्रवीण पटेल अपने शिक्षक होने और पत्नी के पंचायत में इंट्री से बेलिया के उचित मूल्य दुकान में राशन की कालाबाजारी । पंचायत के निर्माण कार्यों को स्वयं के द्वारा कराया जाना ।और उसमें भ्रष्टाचार करना। साथ ही ग्राम सभा में स्थाई रूप से बतौर प्रभारी बनकर पंचायत के प्रस्तावों को भी अपनी मनमर्जी उपयोग करना । प्रवीण पटेल की इस एक तरफा दबंगई ने पंचायती राज अधिकारों का हनन तो किया ही । साथ ही प्रवीण पटेल शैक्षणिक कार्यों के बजाय नाबालिक छात्रों से ट्रैक्टर चलवाया करते थे । छात्रों के प्रति इनके क्रूर और अमानवीय कृत्य और व्यवहार से मिडिल स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं की संख्या एक समय में घटकर मात्र 6 रह गई थी । अभिभावक इनके स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने से गुरेज करने लगे थे । प्रवीण पटेल और इनकी पत्नी का एक और आतंक सामने आया जिसमें इन्होंने अपनी अमानवीय प्रवृत्ति का परिचय देते । ग्राम के रमावती साहू नामक महिला के फसल लगे खेत को दबंगता पूर्वक ट्रैक्टर से जोतवा दिया । और उस जमीन को हथियाने की नीयत से उस महिला के घर घुसकर उसे गाली गलौज कर जमकर डराया और धमकी दी । जिस पर पीड़ित महिला ने एसडीएम सोनहत और कलेक्टर कोरिया से फरियाद किया । साथ ही सोनहत थाने में दोनों पति पत्नी के खिलाफ अपराधिक मामला भी दर्ज कराया । जिसके बाद एसडीएम सोनहत ने अपनी कार्रवाई में प्रवीण पटेल और उनकी पत्नी के कृत्यों का उल्लेख करते हुए अपराध करना दर्शाया । और रमावती को न्याय देते हुए उसकी भूमि को वापस लौटाया । सोनहत थाने में भी मामला काफी दिनों तक चला और अंततः प्रवीण पटेल के गिड़गिड़ाने और माफी मांगने के बाद दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ । बेलिया मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक प्रवीण पटेल की घटिया गतिविधियों के बीच एक अन्य शिक्षक की पोस्टिंग हुई । जिन्होंने प्रवीण पटेल की हरकतों और लापरवाहियों का विरोध किया । तो पटेल ने उनके साथ भी दबंगई दिखाने का प्रयास किया । परंतु ग्राम वासियों और नवपदस्थ शिक्षक ने प्रवीण पटेल को बेलिया मिडिल स्कूल से बाहर खदेड़ ही दिया । जिसके बाद पटेल केशगवां स्थित हाई स्कूल में दो वर्षों तक अटैच रहे । और अपने प्रभाव को दिखाते हुए दोबारा फिर से बेलिया मिडिल स्कूल पहुंच गए । शिक्षक प्रवीण पटेल और उनकी पत्नी के ऐसे रवैए से बेलिया ग्राम वासी अनवरत परेशान रहते थे । सरपंच पर कार्रवाई का डर दिखाकर धमकाकर स्वयं निर्माण कार्य कराना । और फिर उसे भ्रष्टाचार में बदल देना इनकी आदत बन चुकी थी । साथ ही प्रवीण पटेल द्वारा उचित मूल्य के राशन की कालाबाजारी से भी बेलिया निवासी त्रस्त थे। जिसके बाद एक रात बेलिया ग्राम के कुछ युवाओं ने प्रवीण पटेल को ट्रैक्टर में लदे राशन के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया । और फिर पटेल साहब की जमकर खैरियत हुई । और इसी बीच पटेल ने उन युवाओं के सामने तालाब में कूदकर आत्महत्या करने का डर दिखाया । जिसके बाद युवाओं ने ट्रैक्टर लदे राशन को राशन गोदाम में वापस रखवाया । और मामले को वहीं शांत कर दिया । प्रवीण पटेल की हरकतों और मनमानियों का हमेशा से क्षेत्र में जमकर विरोध रहा है । इन्हीं वजहों से बेलिया पंचायत के युवाओं और सभी ग्रामीणों में इनके खिलाफ आक्रोश बराबर बना रहा । जिसके दौरान एक दिन फिर से बेलिया के 6,,7 युवकों ने इनसे किसी निर्माण कार्य पर सवाल जवाब किया । जिस पर पटेल जी भड़क गए । और उन युवकों से गाली गलौज करते हुए बैकुंठपुर की ओर भाग खड़े हुए । जिसके बाद उन सभी युवकों ने प्रवीण पटेल को खदेड़ा और शिव घाट में पकड़कर वहां पर भी जमकर खातिरदारी किए । जिस पर पटेल ने बैकुंठपुर से कुछ लोगों को बुलाकर खुद को बचाया । और फिर उन सभी लड़कों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया । इत्तफाक से कुछ वर्ष रोजगार सहायक रहने के बाद । और दो वर्ष सचिव का कार्यकाल गुजारने के बाद । प्रवीण पटेल की सचिव पत्नी का तबादला चकडड़ ग्राम पंचायत में हुआ । जिसके बाद वहां के भी ग्राम वासी प्रवीण पटेल की दखल से कई वर्ष पीड़ित रहे । और सभी ने कई बार इनके ठेकेदारी और मनमानी की शिकायत किया । पर प्रशासन ने इन ग्राम वासियों की परेशानी को नहीं सुना । और ना ही इनके भ्रष्टाचार को रोका । प्रवीण पटेल अपनी ठेकेदारी की दुकान चलाने के लिए नेताओं और जनप्रतिनिधियों के तलवे चाटते अक्सर देखे गए हैं । पूर्व विधायक का पूरे 5 साल जमकर जयकारा लगाया । और अपनी पैठ बनाने के लिए इन्होंने पूर्व विधायक के खास कार्यकर्ता को ही उन्हीं के सामने असामाजिक तत्व कह डाला । जिस पर पूर्व विधायक ने इन्हें जमकर लताड़ लगाई थी । बता दें की वर्तमान में प्रवीण पटेल के ठेकेदारी की दुकान सोनहत के सुंदरपुर ग्राम पंचायत में संचालित हो रही है । क्यों की उनकी सचिव पत्नी सुंदरपुर ग्राम पंचायत में विगत 5 वर्षों से बतौर सचिव पदस्थ हैं । और यहां पर भी शिक्षक प्रवीण पटेल की ठेकेदारी का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है । जबकि सुंदरपुर की पूर्व पंचायत बॉडी ने इन दोनों पति पत्नी के खिलाफ हर जगह शिकायत किया है । लेकिन प्रशासन ने ना तो बेलिया के लोगों की सुना और ना ही चकडड़ के आमजन को सुना और ना ही सुंदरपुर के ग्राम वासियों की सुन रहा है । जिस कारण प्रवीण कुमार पटेल और उनकी सचिव पत्नी का जंगलराज । आज भी समूचे सोनहत के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है । और इन दोनों के भ्रष्टाचार , दबंगई का पुरजोर विरोध के बाद भी प्रशासन का इन दोनों पर वरदहस्त इस बात की गवाही देता है । की कहीं ना कहीं प्रशासन भी तो इसमें लिप्त नहीं ?,, बहरहाल इन सभी पहलुओं को जिले के कलेक्टर,, सीईओ जिला पंचायत और जिला शिक्षा अधिकारी महोदय के द्वारा गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई पर अमल करना चाहिए । ताकि आमजन के बीच प्रशासन की निष्पक्षता और विश्वशनीयता बरकरार रहे । साथ ही सत्तापक्ष के क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों को भी ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है । क्यों की ऐसे लोग एक बड़े जनाधार के शोषक होते हैं । और जिनकी करतूत का खामियाजा उनको भी नुकसान पहुंचा सकता है ।

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