बैकुंठपुर वन मंडल के डीएफओ की निठल्ली कार्यशैली बन रही जंगलों की तबाही की वजह

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25% कमीशन की खुली वशूली आई रेंजरों की दबी जुबान पर

महिलाओं के रंग रूप पर टिप्पणी,, वरिष्ट स्टाफ की बेइज्जती सहित कर्मचारियों से अभद्र गाली गलौज के आदतन हैं,,डीएफओ एस शंकर सिंह परदेशी

बैकुंठपुर कोरिया – बैकुंठपुर वन मंडल जंगलों की तबाही ,निर्माण कार्य और वन संरक्षण कार्यों में कमीशन खोरी सहित उदासीन रवैया के लिए इन दिनों काफी चर्चा में है। सूत्र कहते हैं । की वन मंडल में पदस्थ डीएफओ जिनकी कमीशन खोरी की एकतरफा नीति ने जहां रेंजरों की परेशानी बढ़ा दी है । तो दूसरी तरफ डीएफओ के बिना शर्त पूरे किए मजदूरी भुगतान तक नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से पूरे कोरिया वन मंडल मे डीएफओ को लेकर वन अमले में अंदर ही अंदर आक्रोश का दौर व्याप्त है। अवगत करा दें की सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है। इन दिनों कोरिया वन मंडल मे पदस्थ डीएफओ द्वारा मजदूरों का भुगतान इसलिए लंबित रखा जा रहा है। क्यूं की डीएफओ साहब को बड़े कमीशन की आदत है। और जिसे पूरा नहीं करने पर बिल बाउचर और मजदूरों के भुगतान को रोक दिया जाता है। इसलिए मजदूरी भुगतान को लेकर आए दिन मजदूर वन मंडल कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। रेंजर जैसे अफसरों पर मजदूरों का हल्ला बोल हमला रेंजरों की परेशानी बढ़ा रखा है । जिस कारण हर रोज सुबह शाम रेंजर कार्यालय के सामने मजदूरों की भीड़ जमा रहती है ।

जंगलों की तबाही कैसे,,,,

सूत्रों से पता चला है। की बैकुंठपुर वन मंडल के डीएफओ जनाब चंद्रशेखर शंकर सिंह परदेशी साहब । जिनके सुस्त रवैए के कारण जिस तरह पूर्व पदस्थ दुर्ग वन मंडल में सागौन और अर्जुन लकड़ी की कटाई चरम पर थी । और जो काफी विवादित मामला था। जंगलों की अवैध कटाई को लेकर दुर्ग के लोग सड़कों पर भी उतर आए थे। उसी तर्ज पर कोरिया वन मंडल में भी जंगलों की बरबादी चरम पर है। बीहड़ जंगलों में अवैध कटाई सहित तमाम अवैध गतिविधियों बेरोक टोक जारी है ।

ऐंठनबाज अफसर की शर्मनाक हरकतें,,,

अवगत करा दें की जिस तरह डीएफओ परदेशी के आते ही कुछ ही महीनों में कोरिया वन मंडल की साख पर बट्टा लगता दिख रहा है। और विभाग की तमाम गोपनीयता और कर्मचारी अफसरों की आपसी तर्क वितर्क बाहर आ रही है। उसी तरह डीएफओ परदेशी जब दुर्ग वन मंडल में पदस्थ थे। तो वहां भी यही दौर व्याप्त था। जनाब परदेशी साहब एक आई एफ एस होते हुए भी। सारी मर्यादा को तार तार कर चुके थे। साहब ने दुर्ग वन मंडल की एक महिला कर्मचारी को उसके रूप रंग और शारीरिक बनावट पर ही तंज कसकर अशोभनीय टिप्पणी कर दिए थे। उसी तरह एक उम्र दराज कर्मचारी को भी पूरे स्टाफ के सामने न जाने किस रंजिश के कारण उसे हर रोज बेइज्जत किया करते थे। इतना ही नहीं सूत्रों से यह भी पता चला की इनकी कारगुजारी को जिन जिन कर्मचारियों ने बड़े अफसरों तक पहुंचाने का साहस किया था । उन्हें भी जनाब परदेशी साहब। अपनी गाली गलौज से सुशोभित करते थे। हालांकि कोरिया वन मंडल में कोई महिला कर्मचारी अभी तक इनके बेहूदा हरकतों से आहत नही हुई है। पर इनकी आदतों और प्रवृति से दुर्ग जैसी पुनरावृत्ति की संभावना प्रबल है ।

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