मजदूरी हो या अन्य भुगतान,, कोरिया वन मंडल की कार्यशैली पर हर रोज उठ रहे सवाल
करतूत बाजों ने तालाब मरम्मत के नाम घर से मंगाकर जेसीबी मशीन को किया जप्त,,
बैकुंठपुर कोरिया – सुशासन की सरकार में अफसरों की हिटलर साही और मजदूरों के दिहाड़ी पर डांका। कोरिया वन मंडल में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। और जिस समस्या का निदान भी लगभग असंभव सा लग रहा है। बता दें कि कोरिया वन मंडल जो विगत कई दशकों से अपनी साफ सुथरी छवि के लिए जाना जाता था । पर आज उसी वन मंडल में आए दिन मजदूरों का जमघट लगा रहता है। कभी मजदूरी भुगतान के लिए कार्यालयों के चक्कर ,तो कभी वनाधिकार पट्टे के नाम लोगों से फर्जी वशूली का विरोध,मतलब इतनी कारगुज़ारी भी कोरिया वन मंडल के डीएफओ के संरक्षण में कम थी । जो अब फिर से जेसीबी मशीनों की मजदूरी राशि को डकारने की मुहिम सामने आ रही है ।अवगत करा दें कि मार्च 2025 में देवगढ़ रेंज में दर्जनों जेसीबी मशीन से को किराए पर लेकर उनसे वनों के अतिक्रमण को ढहाया गया था। साथ ही अन्य प्रकार के कार्यों में इन मशीनों से कार्य कराया गया था। जेसीबी मशीन को किराए पर लेते वक्त तत्कालीन रेंजर भगन राम खेस ने यह कहा था कि आप लोगों का भुगतान कार्य पूर्ण होने के 15 दिवस बाद कर दिया जाएगा । परंतु आज बीते 7 माह हो गए लेकिन इन जेसीबी मशीनों के कार्यों की राशि मशीन मालिकों को नहीं मिली । और अब रेंजर भगन राम खेस के तबादले के बाद देवगढ़ के नए रेंजर आबंटन ना होने की बात कहकर मशीन मालिकों को हर रोज आश्वाशन ही देते फिर रहे हैं कि जल्द भुगतान हो जाएगा।
तालाब मरम्मत के नाम घर से मंगाकर जेसीबी मशीन को किया जप्त,,
कोरिया वन मंडल के करतूत बाज डीएफओ के हठधर्मिता की एक और पुनरावृत्ति देखने को मिली है। जनाब डीएफओ साहब पहले तो गहरी नींद में सोते रहते हैं। बाद में जब इनके कर्मचारी और अधीनस्थ अधिकारी नए नए गुल खिला लेते हैं। और करतूत जगजाहिर हो जाती है। तो उस पर लीपापोती अभियान शुरू कर देते हैं। मामला,,ओदारी बीट में किसी व्यक्ति के द्वारा वन भूमि पर खेत बनाने के उद्देश्य से कृष्ण कुमार का जेसीबी मशीन मौके पर ले जाया गया था । और जेसीबी मशीन द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा था। वह एक स्थान पर खड़ा था । बावजूद इसके जेसीबी मशीन को अपराध करना बताया गया। जेसीबी पर अपराध दर्ज होने की बात पर मशीन मालिक ने अपना पक्ष रखा, और वन विभाग के कर्मचारियों को बताया कि मेरी गाड़ी खेत बनाने के लिए बुलाई गई थी । लेकिन वह स्थिति को देख बिना कार्य किए ही वापस आने की तैयारी में था। परंतु वन कर्मियों ने जेसीबी को जप्त करने का डर दिखाकर जेसीबी मालिक से रकम की वसूली की और जेसीबी मुक्त कर चलते बने। तब तक कोरिया वन मंडल के जांबाज डीएफओ सोए हुए थे । और इधर इनके करतूत बाज कर्मचारी और रेंजर उक्त जेसीबी सहित अन्य और जेसीबी मशीनों से 15,,20 दिन जमकर कार्य कराया । और उक्त जेसीबी मशीन को पुनः मालिक को सुपुर्द कर दिया। परंतु इसी तरह दो माह बीतने के बाद ,जब इस बात की शिकायत हुई, कि अतिक्रमण ने उपयोग की गई जेसीबी को पैसा लेकर छोड़ दिया गया है । जिसके बाद कोरिया वन मंडल के डीएफओ साहब नींद से जागे और हरकत बाजी दिखला दिए। परिणाम स्वरूप जेसीबी मालिक कृष्ण कुमार को एक कर्मचारी ने फोन कर कहा, कि सोनारी में तालाब फूट गया है उसके मरम्मत के लिए जेसीबी भेज दो। जिस पर कृष्ण कुमार ने जेसीबी भेज दिया और जिसके बाद वन विभाग ने उक्त जेसीबी से सोनारी स्थित फूटे हुए नव निर्मित तालाब के मेड को बंधवाया । और फिर छिंद डांड में और काम है कहकर उक्त जेसीबी मशीन को जप्त कर लिया गया । बता दें कि इस पूरी घटना में जेसीबी मालिक का जिस तरह शोषण हुआ और उसे परेशान किया गया , कह सकते हैं, कि सुशासन की सरकार में अनायास ही आम लोगों को परेशान करने का गंभीर कृत्य अब सरकार के अफसर ही कर रहे हैं।












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