सा,, झुकेगा नई, पुष्पा मूवी की तर्ज पर नीलगिरी सहित मिश्रित प्रजाति के लकड़ियों की कोरिया में अंधाधुंध तस्करी जारी

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रशूखदार तस्कर और प्रशासनिक अफसर की जुगलबंदी अब शहर में हुई आम

बैकुंठपुर कोरिया – जब भ्रष्टाचार में लगाम लगाने वाला तंत्र ही भ्रष्टाचार में अपनी भागीदारी तय कर ले तो सोचिए व्यवस्थाओं का हाल क्या होगा । और कैसा चलेगा सिस्टम अवगत कराते हैं आपको । बीते करीब एक वर्षों से कोरिया जिले के बैकुंठपुर से एक ऐसा गुट जो बिना अनुमति बड़े बड़े नीलगिरी के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करा रहा है। पहले तो इन काटे गए लकड़ियों को एक जगह बेखौफ इकट्ठा किया जाता था परंतु जब मीडिया ने इस पर धावा बोला तो ये लकड़ी तस्कर नर्म दिखे और अपने गोरख धंधे पर अंकुश लगाया । पर कुछ ही समय बाद तथाकथित गुट या मुखिया तस्कर ने फिर से पूरे ज़ोरशोर और धड़ल्ले से इस धंधे का हाईटेक तरीका अपनाते हुए नीलगिरी ही नहीं बल्कि अन्य मिश्रित प्रजाति के लकड़ियों की कटाई कराने लगा है । अवगत करा दें की सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मद्देनजर यह मुखिया लकड़ी तस्कर का एक बड़ा गिरोह कोरिया और एम सी बी जिले में बड़े पैमाने पर नीलगिरी सहित मिश्रित प्रजाति के पेड़ों की अवैध कटाई करा रहा है और उसे ये मुखिया तस्कर ऊंचे दर पर हर रोज ट्रकों लकड़ी जिले से बाहर भेज रहा है।बता दें की इनका यह गिरोह गांव गांव आम लोगों से संपर्क कर ग्रामीणों के घर बड़ी और खेत खलियान पर लगे बड़े बड़े विशाल पेड़ों को औने पौने दर पर खरीद तो रहा है साथ ही सूत्र यह बता रहे हैं की अब वन भूमि पर लगे सरई, बीजा,अर्जुन सहित चंदन तक की तस्करी में भी सक्रिय बताये जा रहे हैं।

वनाधिकार पट्टे की भूमि पर लगे सागौन सरई कहुआ और चंदन की तस्करी में जुटा गिरोह – सूत्र

अवैध लकड़ी तस्कर पर जो हालिया जानकारी सूत्रों से निकलकर आई है वह वन विभाग की कुंभकर्णी नींद को भी दर्शाता है । की महज जीवनयापन के लिए दी जाने वाली वन भूमि पर स्थित कीमती जंगल भी अब तस्करों के जद में हैं और जो वन संपदा इन तस्करों के बड़े इनकम का जरिया बन रही है।

प्रशासन की अनदेखी या सांठगांठ जिसकी चर्चा अब आम जन में है,,?

साउथ की चर्चित मूवी पुष्पा की तर्क पर दोनों जिलों में सक्रिय इस लकड़ी तस्कर गिरोह की जुर्रत हिमाकत पर शिकंजा नहीं कसा गया और लंबे समय से बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन फैल ट्रक ट्रैक्टर के खुले डालो में शहर और हाइवे से ट्रांसपोर्टिंग की जांच नहीं की जाती । वन विभाग ने कभी भी इन तस्करों पर धावा नहीं बोला और न जांच पड़ताल किया । लकड़ी ट्रांसपोर्टिंग में उपयोग वाहनों से कई दर्दनाक हादसे हुए फिर भी शिंकजा नहीं कसा जा सका । जबकि इस बात की चर्चा काफी समय से आमजन के बीच बनी हुई है की आखिर इन तस्करों पर कार्यवाही की गाज गिरती क्यों नहीं । क्या ?? प्रशासन के किसी बड़े अफसर का वरदहस्त प्राप्त है। लकड़ी तस्कर गिरोह के मुखिया तस्कर को।

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