रेंज मुख्यालय से नदारद रहने वाले रेंजर और जंगलों की अवैध कटाई पर चुप्पी साधे डीएफओ मनेंद्रगढ़ पर कार्रवाई कब,,?

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पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने शासन प्रशासन को कई बार अवगत कराया इनका कारनामा, बावजूद इसके अब भी लगातार जारी है ,,,जंगलों की बर्बादी

एमसीबी जिले अंतर्गत मनेंद्रगढ़ वन मंडल में बीते तीन वर्षों से जारी जंगलों की बर्बादी पर प्रदेश की साय सरकार की अनदेखी । अब आमजन और प्रकृति प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। अवगत करा दें की मनेंद्रगढ़ वन मंडल के सभी सामान्य रेंजों में जंगलों की निगरानी और सुरक्षा पर बीते तीन वर्षों से या यूं कहें की जबसे डी एफ ओ मनीष कश्यप ने प्रभार संभाला है । कह सकते हैं की जंगलों में प्राकृतिक वनों सहित विभिन्न प्रजाति के तैयार रोपित वनों की दुर्दशा हो चुकी है । बीहड़ जंगलों से शुरू हुई जोरों की अवैध कटाई ने अब रहवासी वनभूमि की तरफ रुख साध लिया है। जिसका मंजर यह है की सड़क किनारे चलते फिरते जंगलों की कटाई सहज रूप से देखी जा सकती है। गुजर बसर के लिए दिए गए वनाधिकार पट्टे की वनभूमि पर स्थित जंगल । अब बिचौलियों के लिए व्यापार बन चुका है।कुंवारपुर,जनकपुर,बहरासी सहित केल्हारी और मनेंद्रगढ़ रेंज जिनकी सीमा सीधे तौर पर मध्यप्रदेश से जुड़ी है। ऐसे जंगलों की निगरानी में लापरवाही के कारण आए दिन बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई हो रही है।

वन विभाग और बिचौलियों की मिलीभगत से जंगल का हो रहा नाश,,

अवगत करा दें की कुंवारपुर रेंज में एक चक्क काटे गए सैकड़ों प्राकृतिक सरई पेड़ पर मौजूदा वन अफसरों की कार्रवाई पर जिस तरह सवाल खड़े हुए । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। की मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ और सरगुजा वन वृत के सी सी एफ अपने दायित्व के लिए कितने ईमानदार हैं । बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने ऐसे अफसरों को जंगलों की जिम्मेदारी से पृथक नहीं किया। जिसके परिणाम स्वरूप। मनेंद्रगढ़ वन मंडल के बड़े बड़े वन रकबे का जंगल अवैध कटाई की भेंट चढ़ता गया है । जिससे निश्चित तौर पर यही प्रतीत हो रहा है की जंगलों की अवैध कटाई पर। इन अफसरों के द्वारा महज औपचारिकता निभाई जा रही है। और जिससे जंगल में व्याप्त अवैध लकड़ियों की कटाई और तस्करी बेखौफ बेरोक टोंक जारी है । रेंजों में जारी निर्माण कार्य और वन विस्तार कार्यों में फॉरेस्टर और डिप्टी रेंजर सिर्फ और सिर्फ फर्जी मजदूरी भुगतान की वशूली में लिप्त हैं। और जंगलों की बजाय फर्जी मजदूरों को बैंकों में लाकर अपनी काली कमाई को वशूल रहे हैं। जिसकी जांच वन मंडल स्तर पर कराई जाए तो वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी ही निकलेंगे बड़े बड़े घोटालेबाज । बता दें की बीते 10 वर्षों से अन्यत्र जिले से मनेंद्रगढ़ वन मंडल व मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के रेंजर सहित एसडीओ। मुख्यालय से रोजाना 100 किलोमीटर से भी दूर आ जाकर वनों की कैसी निगरानी करते रहे । यह भी सवालों के घेरे में है। हालांकि एस डी ओ का तो तबादला 10,,12 वर्षों बाद विगत दिनों हो गया है। परंतु रेंजर मनेंद्रगढ़ अब भी मनेंद्रगढ़ में ही डटे हैं। जिनका भी तबादला होना । वन हित में होगा।
मनेंद्रगढ़ वन मंडल में व्याप्त भर्राशाही और जंगलों की अवैध कटाई पर । क्षेत्र के पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने कई बार शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण भी कराया । जोर शोर से हल्ला भी बोला । बावजूद इसके प्रदेश की सरकार के कानों में अब तक जू नहीं रेंगा । जिसको लेकर भी जिले में ट्रिपल इंजन की सरकार पर आम लोगों में अलग अलग तर्क वितर्क का दौर शुरू हो गया है। की आखिर जंगलों की बर्बादी रुकेगी कब ?

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