“भूपेश-बनाम-विजय: सियासी बहस ने ली निजी कटाक्ष की शक्ल, सोशल मीडिया बना अखाड़ा”

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छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों राजनीतिक मर्यादा और भाषा की शालीनता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बार बहस की शुरुआत एक टोल-फ्री नंबर से हुई, लेकिन कुछ ही घंटों में यह बहस व्यक्तिगत अपमान और सार्वजनिक तकरार तक पहुंच गई।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा के बीच यह वाकयुद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चल रहा है, जहां आरोप-प्रत्यारोप के साथ अब सीधे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है।

विवाद की शुरुआत:

गृहमंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में एक टोल-फ्री नंबर (1800-233-1905) जारी किया ताकि राज्य में अवैध घुसपैठियों की सूचना आम नागरिक दे सकें। इसी क्रम में जब एक सोशल मीडिया यूज़र ने खराब सड़कों को लेकर शिकायत करने की बात कही, तो मंत्री ने जवाब दिया:

“94252 36333 पर करें, ये उन्हीं की देन है।”

यह नंबर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था, जिसे सार्वजनिक मंच पर इस तरह साझा करना न केवल असंवैधानिक माना गया, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद विवादास्पद बन गया।

भूपेश बघेल का आक्रामक पलटवार:

विजय शर्मा की इस हरकत के जवाब में भूपेश बघेल ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने फेसबुक और X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“कुर्सी है तुम्हारा ये जनाजा तो नहीं… कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते… आप दफा हो जाइए।”

यह बयान जितना स्पष्ट था, उतना ही आक्रामक भी। भूपेश ने गृहमंत्री की प्रशासनिक क्षमता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहे हैं, तो पद से हट जाएं।

विजय शर्मा की फिर से जवाबी टिप्पणी:

विजय शर्मा ने भी पलटवार करते हुए कहा:

“आप गड्ढे में लेट जाइए।”

यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई और बहस का मुद्दा बन गई। एक ओर इसे हास्य के रूप में देखा गया, तो दूसरी ओर यह भी पूछा गया कि एक मंत्री को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा देता है क्या?

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