सिस्टम जाए भाड़ में,, एसडीओ साहब लक्ष्मी नारायण ठाकुर रहेंगे तो,,सिर्फ गृह जिले में ही
मनेंद्रगढ़ एमसीबी – वाक्या है वन मंडल मनेंद्रगढ़ का जहां पर सिस्टम को चुनौती देने वाले नमूनेबाज कर्मचारियों और जिद्दी अफसरों की बड़ी जमात भरी पड़ी है । इस वन मंडल में ऐसे ऐसे डिप्टी रेंजर स्तर के कर्मचारी पड़े हैं । जिन्हें उधार की रेंजरी का बड़ा शौक है । ऐसा मानिए की जिस तरह बिल्ली छीछड़ों के लिए ताक पर बैठी रहती है। उसी तरह यहां पर दशकों से पदस्थ डिप्टी रेंजर भी । ऐन तेन प्रकरेण रेंजरी के लिए भटकते रहते हैं। चलिए ये तो हुई नमूनेबाज उधार के रेंजरी के शौकीनों की । पर अब सिस्टम को चुनौती देने वाले कुछ अफसरों की बात करें । तो एक जनाब अफसर और हैं जो सिस्टम को अपने हिसाब से चलाने में खुद को बहुत माहिर समझते हैं । बात करें मनेंद्रगढ़ वन मंडल में पूर्व और वर्तमान में पदस्थ एसडीओ लक्ष्मी नारायण ठाकुर की । जो साहब खुद को सिस्टम से बड़े समझते हैं । हालांकि साहब ने बराबर साबित भी करके दिखाया है । की उनके सामने सिस्टम हमेशा बौना रहा है । आइए बताते हैं कैसे । दरअसल साहब एम सी बी जिले के कोरिया कॉलरी के निवासी हैं। और इनके शुरुआती कुछ कार्यकाल के बाद इनकी पोस्टिंग । बतौर उप वनमंडलाधिकारी मनेंद्रगढ़ में हुई थी । जिसके बाद साहब नॉन स्टॉप अपने दायित्व को अंजाम देते रहे । और खूब सुर्खियां बटोरे । पर वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में इनके गृह जिले में पोस्टिंग को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत हुई । जिस पर चुनाव आयोग ने इनका तबादला कर दिया । और इन्हें कोरिया वन मंडल में संलग्नाधिकारी बना दिया गया । जिसके बाद साहब को ये नागवार गुजरा । शायद साहब का ईगो हर्ट हुआ । और साहब ने ठान लिया की मनेंद्रगढ़ से नहीं जाएंगे तो नहीं गए । और डीएफओ मनीष कश्यप ने इन्हें रिलीव न करते हुए इन्हें स्पेशल ड्यूटी में रख लिया । गजब की बात तो ये थी। की साहब ने सरकारी बंगला भी पूरे दो साल नहीं छोड़ा । और अब हाल ही में हुए नए पदस्थापना में। इन्होंने फिर से सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुए अपना आदेश एमसीबी गृह जिले मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर सब डिविजन में करा लिया। और अब फिर से गृह जिले में रहकर सेवा देंगे ।












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